Jhora dance of Uttarakhand (झोड़ा नृत्य)
It is a beautiful dance of men and women performed in the moonlight night of Magha in the Kumaon region. The lead singer dances and play Hudki in the middle of the circle. It is an attractive dance, which is performed throughout the night like the Garhwali Dance Chanchari. The main center of this is Bageshwar.
The dance form of Uttarakhand
झोड़ा नृत्य उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। यह नृत्य पहाड़ी क्षेत्रों में प्रायः विवाह, उत्सव और धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान प्रदर्शित किया जाता है। झोड़ा नृत्य गोपनीयता, उत्साह और लोक कला के साथ जुड़ा हुआ है।
झोड़ा नृत्य में एक पुरुष और एक स्त्री नर्तक उपस्थित होते हैं, जो परंपरागत पहाड़ी पोशाक पहनते हैं। इस नृत्य का प्रमुख तत्व झोड़ा (या जोड़ा) है, जिसे दोनों नर्तक धरते हैं। झोड़ा एक विशेष गतिविधि होती है जहां दोनों नर्तक एक-दूसरे के साथ युग्मनृत्य करते हैं और घूमते रहते हैं।
झोड़ा नृत्य में गतिविधि और ताल अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। नर्तकों की चाल, उठाव, मुड़ाव और परिभाषित हाथ-पैर के संगठन इस नृत्य को अद्यात्मिकता और गतिशीलता का अनुभव कराते हैं। झोड़ा नृत्य में नर्तक अपनी अद्भुत और समर्पित ताल साथ-साथ ध्यान एवं एकाग्रता का अनुभव करते हैं।
झोड़ा नृत्य के माध्यम से प्रेम, भक्ति और सम्बन्धों की कथाएं प्रस्तुत की जाती हैं। यह नृत्य उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और लोगों के बीच एकता और समरसता की भावना को प्रकट करता है। झोड़ा नृत्य में समर्पण, आपसी सहयोग और संगठन के गुणों का प्रतीक भी है।