देहरादून, 11 जून 2025: उत्तराखंड की लोक-संस्कृति और बोलियों को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक नई और महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इसके तहत राज्य का लोक साहित्य डिजिटलीकरण किया जाएगा और एक भाषाई नक्शा (Linguistic Map) तैयार किया जाएगा जो राज्य की विविध बोलियों को दर्शाएगा।
📖 क्या-क्या होगा इस पहल में:
- लोकगीत, लोककथाएं, और स्थानीय कहावतें डिजिटल फॉर्मेट में संग्रहित की जाएंगी
- राज्य की प्रमुख और उप-बोलियों का दस्तावेजीकरण होगा
- एक ई-लाइब्रेरी (E-Library) बनाई जाएगी जहाँ लोग इन सभी साहित्यिक सामग्रियों को ऑनलाइन पढ़ और सुन सकेंगे
- ‘बाकना’, जौंसारी और अन्य पारंपरिक गायन शैलियों को भी संस्थागत किया जाएगा
🎯 उद्देश्य:
- नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना
- शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए प्रामाणिक डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराना
- राज्य के सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा देना
🏫 स्कूल स्तर पर भी पहल:
उत्तराखंड भाषा संस्थान स्कूलों में स्थानीय बोली प्रतियोगिताएं और साहित्यिक ग्राम (Literary Villages) विकसित करेगा, ताकि बच्चों में भाषा के प्रति रुचि और गर्व जागे।
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