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Madua मडुआ (रागी) - क्या है इसके फायदे और कैसे खाएं?

AMAN
 AMAN
(@aman)
क्षेत्रीय प्रतिनिधि (Kshetriya Pratinidhi) Subscriber
Joined: 4 years ago
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Mandua is also called Madua (मडुआ)

In general, Mandua or ragi is used as a grain because it is not only delicious but also very nutritious. Often Mandua flour (मडुवा का आटा  is used by mixing it with wheat flour and many types of dishes are prepared from it all over the country.

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Benefits of Madua (मडुवा)

  • Ragi Mandua flour is beneficial during dieting to reduce obesity.
  • Ragi Mandua has 80 percent calcareous content.  
  • Mandua is considered the best food for the diabetes victim.  
  • Iron rich quantities are present in Ragi Mandua.  
  • Controls the rise in blood pressure.

What is Madua called in English?

Finger Millet or Ragi or Nachni​ Or Madua​ is a grain that has been part of Indian cuisine among many other grains. Madua is a superfood & is very rich in calcium & is highly recommended in diet esp for children. Besides calcium, it is rich in potassium, minerals, and protein.

मडुवा (Maduwa) के कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. पौष्टिकता: मडुवा आपको पौष्टिक गुणों से भरपूर खाद्य पदार्थ प्रदान करता है। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, विटामिन्स, और मिनरल्स का अच्छा स्रोत है।

  2. ऊर्जा का स्त्रोत: मडुवा आपको ऊर्जा और स्थायित्व प्रदान करता है। इसमें मूंगफली, गुड़, और आटे का उपयोग होता है, जो शारीर को लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं।

  3. पाचन सुविधा: मडुवा आपके पाचन सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को सुचारू रूप से कार्यान्वित करके भोजन को पचाने में मदद करता है।

  4. दिल के स्वास्थ्य: मडुवा में मौजूद थियोसियनेट कंपाउंड दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करता है।

  5. मधुमेह के नियंत्रण में मदद: मडुवा मधुमेह के नियंत्रण में सहायक हो सकता है। इसमें मधुमेह के लिए उपयुक्त कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य सीमा में रखने में मदद कर सकते हैं।

  6. वजन नियंत्रण: मडुवा के सेवन से आपका वजन नियंत्रित रखा जा सकता है। इसमें फाइबर होता है जो आपको भोजन के बाद भूख नहीं लगने देता है और सुधारता वजन प्रबंधन में मदद करता है।

यह सिर्फ कुछ मडुवा के लाभ हैं और इसके अलावा भी इसके अन्य गुण हो सकते हैं।


   
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Dheeraj Bisht
(@dheeraj)
जानकार साथी (Jankari Champion) Moderator
Joined: 3 years ago
Posts: 145
 

मडुआ (Madua) किस-किस नाम से जाना जाता है?:
उत्तराखंड के कुमांऊ क्षेत्र में इसे मडुआ (मनु / मडु) भी कहते है। और अन्य क्षेत्रों में इसे रागी भी कहते है। अंग्रेजी भाषा में finger millet कहते है।

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मडुआ(Madua) खाने के फायदे:

मडुआ के बहुत से फायदे होते है, इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। मडुआ का आटा कई फायदेमंद होता है। मडुआ के आटे की रोटी गैहू के आटे के साथ ही मिला के बनाई जाती है, यह शरीर की कई बीमारियों को सही करता हैं। इसमें बहुत से प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है।

मडुआ के सेवन से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या खत्म होती है, मडुआ शारीरिक कमजोरी को भी दूर करता है। मडुआ को खाने से मूत्र रोग को ठीक होता है, शरीर की गंदगी को साफ करने के लिए भी मडुआ का प्रयोग कर सकते हैं। मडुवा खाने से मोटापा कंट्रोल रहता है मडुवा डाइबिटीज को भी कंट्रोल करता है।

मडुआ (Madua) की बोआई कब की जाती है?:

मडुवा की बोआई जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई 15 तारिक तक की जाती है, या मानसून वर्षा होने पर भी मडुआ बोया जाता है। मडुआ बोने के लिए अच्छे बीज का चुनाव, मिटटी की किस्म के आधार पर करे। अगर बीज अच्छा रहे तो पैदावार भी अच्छी रहेगी और फसल में बृद्धि भी होगी। यदि किसान स्वयं का रखा हुआ बीज उपयोग में लाता है, तो बोवाई के पूर्व बीज साफ करके फफूंदनाषक दवा (कार्वेन्डाजिम/कार्वोक्सिन/क्लोरोथेलोनिल) से उपचारित करके बोयें। मडुवे की बोआई और रोपाई पद्धति से की जाती है। कतार में बोवाई करने हेतु बीज प्रति हेक्टेयर 8 से 10 किलो एवं छटकना पद्धति से बोवाई करने पर बीज दर 12-15 किलो प्रति हेक्टेयर लगता है। कतार पद्धति में दो कतारों के बीच की दूरी 22.5 से.मी. एवं पौधे से पौधे की दूरी 10 से.मी. रखे। रोपाई के लिए नर्सरी में बीज जून के मध्य से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक डाल देना चाहिये।

कितने दिन में कट कर तैयार हो जाती है मडुआ की फसल:

मडुआ की फसल 4 महीने (115-125 दिन ) में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। फसल पूर्ण रूप से पकने पर इसके सिरों को पौधों से काटकर अलग किया जाता है। फसल अच्छे से सूख जाएं तब मशीन की सहायता इसमें से बीज निकाल के अलग किये जाते है।

मडुआ से क्या क्या बनाया जाता है?

मडुआ का आटा पोष्टिक तत्‍वों से भरपूर होता है, जिसका इस्‍तेमाल रोटी, सूप, जूस, उपमा, डोसा, केक, चॉकलेट, बिस्किटस, चिप्स, बनाने में आता है। कुमाऊँ में इसके अनेक प्रकार के डिश बनाई जाती है।

मडुआ सइन्सेटिफिक नाम क्या है? (Scientific name):

मडुआ का साइंटिफिक नाम Eleusine Coracana है।


   
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