"रत्ती" ये शब्द सुन के हम सब के मन में एक ही विचार आता है "जरा सा भी" अधिकतम लोग इसका मतलब यही समझते है। असल में इसका अर्थ और उपयोगिता अलग ही है।
"रत्ती" एक प्रकार का पौधा है, "रत्ती" के दाने लाल और काले रंग के होते है। जब आप "रत्ती" के दानों को छूने की कोशिश करते है तो इसके दाने आपको मोतियों की तरह कठोर प्राप्त होंगे। जब दाने पक जाते है तो पेड़ से गिर जाते है।
रत्ती के पौधे आपको पहाड़ों में ही दिखाई देंगे, आम बोल चाल की भाषा में इसे "गुंजा" कहा जाता है, उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में इसे " आखि" भी कहा जाता है। अगर आप इसके अंदर देखेंगे तो इसमें मटर जैसी फली में दाने होते हैं।
क्या सोना नापने में होता था "रत्ती" का इस्तेमाल ?-
आपको बता दे की, जब लोगों ने इसमे रुचि दिखाई और इसकी जांच पड़ताल की तो सामने यह आया की प्राचीन काल में मापने के लिए सही पैमाना नहीं था। इसी वजह से "रत्ती" का इस्तेमाल सोने या जेवरात के भार को मापने के लिए किया जाता था। वहीं सात रत्ती सोना या मोती माप के चलन की शुरुआत मानी जाती है।
"रत्ती" (Ratti) का इस्तेमाल भारत में ही नही बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप में होता आ रहा था। अभी की भी बात करें तो यह विधि, या कहें तो इस मापन की विधि को किसी भी आधुनिक यंत्र से ज्यादा विश्वासनीय और बढ़िया माना जाता है। आप इसका पता अपने आसपास के सुनार या जौहरी से भी लगा सकते हैं।
हमेशा एक जैसा होता है इसका भार
आपको यह आश्चर्य होगा की इसकी फली की आयु कितनी भी क्यू ना हो, इसमे उपस्थित बीजों को लेंगे और इनका वजन करेंगे तो, हमेशा इसका वजन एक समान ही प्राप्त होगा। इसमे 1 मिलीग्राम का भी आपको फरक दिखाई नहीं देगा।
इंसानों द्वारा बनाई गई मशीन एक बार गलत भार बता सकती है, लेकिन प्रकृति द्वारा दिए गए इस ‘गूंजा ‘ नामक पौधे के बीज की रत्ती का वजन कभी इधर से उधर नहीं होता है
1 रत्ती (Ratti) का वजन कितना होता है ?
आधुनिक मशीनों से रत्ती का वजन नापेंगे तो एक रत्ती का वजन - 0.121497 ग्राम होता है।
गूंजा के बीज तंत्र मंत्र में भी उपयोग किए जाते हैं।ये तांत्रिकों के बीच जितने मशहूर हैं उतने ही आयुर्वेद चिकित्सा में भी इनका प्रयोग किया जाता है।श्वेत गूंज का आयुर्वेद में सबसे ज्यादा प्रयोग होता है। कुछ गूंजे विषैले भी होते हैं इसलिए बिना जांच पड़ताल के इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
1 कैरेट में कितना रत्ती (Ratti) होते है?
आपको बता दे की एक केरेट 200 मिलीग्राम होता है पांच केरेट एक ग्राम। एक रत्ती 121.48 मिली ग्राम होती है। 4 रत्ती 486 मिलीग्राम और 8 रत्ती 972 मिलीग्राम । आप मोटे तौर पर इसे 1 ग्राम मान सकते हैं।
रत्ती को english में क्या कहते है?
रत्ती को english में Rosary Pea कहा जाता है।
एक तोला में कितने रत्ती होते हैं?
आपको बता दे की एक तोले में कितनी रत्ती होती हैं? एक तोले में 12×8=96 रत्ती होते हैं।
रत्ती का साइंसटिफ़िक नाम क्या है?
रत्ती का साइंसटिफ़िक नाम Rosary Pea (Abrus precatorius) है।
रत्ती का प्रयोग किस किस चीज के लिए किया जाता है?
सदियों से रत्ती का प्रयोग पारंपरिक चिकित्सा और विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज के रूप में किया जाता रहा है। टेटनस, सांप काटने और ल्यूकोडर्मा (इस ऑटोइम्यून बीमारी में त्वचा पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं, जिसे विटिलिगो भी कहा जाता है) जैसी बीमारियों के इलाज में रत्ती को काफी प्रभावी माना जाता है।
क्या मुंह के छालों को भी ठीक करता है रत्ती?
ऐसा माना जाता है की "रत्ती" के पत्ते चबाने से मुंह में होने वाले छाले ठीक हो जाते है । इसकी जड़ को भी सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। आपने देखा ही होगा की लोग " रत्ती" पहनते भी है। कुछ लोग इसकी अंगूठी तो वही कुछ लोग इसकी माला बना लेते है। माना यह जाता है की इसे पहनने से एक सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करता है जो की बहुत ही अच्छी बात है।
रत्ती को अलग-अलग जगह अलग-अलग नाम से जाना जाता है परंतु इसके कुछ नाम सब जगह जाने जाते है जिनमे गुंजा, घुमची, माशा, तोला, Rosary Pea.